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Chahe koi dukh ho ya fir ho koi gam – Arpit No ratings yet.

चाहे कोई दुख हो या फिर हो कोई गम
हँसी का हर एक बहाना चुरा लेता हूँ
जो पूछा ज़िन्दगी को कैसे जिया जाये
कुछ कहता नहीं बस मुस्कुरा देता हूँ! 

…….. अर्पित

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