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Fasle se mila karo 5/5 (1)

कोई हाथ भी न मिलाएगा जो गले मिलोगे तपाक से,
ये नए मिज़ाज का शहर है ज़रा फ़ासले से मिला करो!

……………. बशीर बद्र

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