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Raat Shayari

Aate rahte hain falak se bhi ishaare kuchh na kuchh No ratings yet.

आते रहते हैं फ़लक से भी इशारे कुछ न कुछ, 
बात कर लेते हैं हम से चाँद तारे कुछ न कुछ! 

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