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Tanhaayi Shayari

Angdaai pe angdaai leti hai – Tanhaayi Shayari 5/5 (1)

अंगड़ाई पे अंगड़ाई लेती है रात जुदाई की, 
तुम क्या समझो तुम क्या जानो बात मेरी तन्हाई की! 

 

Angdaai pe angdaai leti hai raat judaai ki,
Tum kya samjho tum kya jano baat meri tanhaayi ki!

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