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Romantic Shayari

Fursat paakar kaam se jab wo bikhre No ratings yet.

फुरसत पाकर काम से, जब वो बिखरे बाल बांधती है
आँख की पुतली, दिल की धड़कन, घड़ी की सुई सब एक साथ ठहर जाती है! 

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