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Sharaab Shayari

Pahle pahle hath – Rajesh Jain Rahi 5/5 (1)

पहले पहले हाथ कांपते,
छूने में सुरभित प्याला!
गला बैठ जाता है अक्सर,
घूंट घूंट पीकर हाला!!

यही वक्त संयम वाला है,
प्याले का परित्याग न हो!
रहा समर्पित पीने में जो,
पा ही जाता मधुशाला!!

…… राजेश जैन राही

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