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Sharaab Shayari

Sahta jata sahta jata – Rajesh Jain 5/5 (1)

सहता जाता सहता जाता,
सीधा-साधा दिलवाला
दिलवाले का अक्सर जग में,
छीन लिया जाता प्याला।

पीने की परिभाषा सच्ची,
दिलवाले को ज्ञात मगर।
मिलकर कहता उसे जमाना,
ये क्या जाने मधुशाला।

……. राजेश जैन राही

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