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Sawan Shayari

Yah sawan manbhawan hai – Purushottam Singh Rajput 5/5 (1)

हवाएं..!
वृक्षों को झुका रही हैं….
बादल..! सूरज को छिपा रही हैं….
कलियां..! पुष्प बनकर खिल -खिला रही हैं….
भंवरा..! फूलों को देख गुनगुना रही हैं….
चिड़िया..! चहक- चहक कर मुस्कुरा रही हैं….
यह सावन मनभावन है

…… Purushottam Singh Rajput

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