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Romantic Shayari

गुलज़ार – मेरी Amanat 5/5 (1)

नज़रे जो मिली मैं शर्मसार हो गयी,
तेरी क़ुर्बत मिलते ही गुनहगार हो गयी,
देख तूने कतरा कतरा कुछ यूँ तड़पाया,
लिख भी न पायी और गुलज़ार हो गयी…

…… मेरी Amanat

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