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Tanhaayi Shayari

सियासत – मेरी Amanat 5/5 (1)

ऐसी चालें चलते हैं आजकल के दिखावटी रिश्ते,
के अब तो मुझे सियासत भी भाने लगी है,
ये कैसी ख़ामोशी छाई है तेरे जाने के बाद,
मेरी ही धड़कनें मुझे नींद से जगाने लगीं हैं…

……. मेरी Amanat

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