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Udaas Shayari

Chahat, hasrat, khwahish – Satyam 5/5 (1)

चाहत, हसरत, ख्वाहिश, आरजू सबके दिल तोड़ के आया हूं,
मैं मेरी मंजिल के दर से ओ जाना, अपनी राह मोड़ के आया हूं!
कच्ची उम्र में, तजुर्बे ने, रहमत बरसाई है, मुझ पर रंज की ऐसे,
बहलाकर बचपन अपना, एक अनजानी गली छोड़ के आया हूं!!

…….. सत्यम श्रीवास्तव

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