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Sharaab Shayari

Hai nasha jayaz nahi tu aankhen 5/5 (1)

है नशा जायज़ नहीं तू आंखें मिलाना छोड़ दे…
ये मयकशी अच्छी नहीं तू मयकदे जाना छोड़ दे!

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