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Udaas Shayari

Main anjaane mein kanha – Sahdev Sharma No ratings yet.

मैं अनजाने में कहां चल पड़ा था, 
न कोई राह न ही कोई मुकाम था, 
जब ठोकर लगी तो पता चला, 
उस राह पर घर किसी गैर का था! 

……  सहदेव शर्मा

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