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Raat Shayari

Tum hanso to din nikale chup raho to raaten hain No ratings yet.

तुम हँसो तो दिन निकले चुप रहो तो रातें हैं, 
किस का ग़म कहाँ का ग़म सब फिज़ूल बातें हैं! 

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