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Tanhaayi Shayari

Kuchh tum ruthe – Tara Pandey 5/5 (1)

कुछ तुम रूठे, कुछ मैं रूठी,
बात हो गई रुसवाई की!
ना तुम समझे, न मैं मानी,
वजह बन गई तन्हाई की!!

…… तारा पांडेय “मुक्तांशा”

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